समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज की सुपौत्री का विवाह बिना दहेज और आडंबर के संपन्न हुआ

समाज से दहेज जैसी कुरीति को समूल नष्ट करने का जो अभियान संत रामपाल जी ने कई वर्षों पहले शुरू किया आज संत रामपाल जी की सुपौत्री तम्मना का विवाह दिल्ली निवासी विक्रांत के साथ मात्र 17 मिनट में बिना दान-दहेज, पंडित, भोज, भारी भरकम खर्चों से  विरक्त बिल्कुल सादगी से सम्पन हुआ।
संत रामपाल जी ने अपने सत्संग और साहित्य के माध्यम से अपने अनुयायियों को यह आदेश दिया है कि वह अपनी बेटी और बेटे का विवाह बिल्कुल सादगी से और चंद मेहमानों की मौजूदगी में करें और इस विवाह में किसी भी प्रकार का दहेज और अन्य कुरीति का पालन नहीं करना है जिससे कि समाज में बेटी को बोझ न माना जाए और दहेज जैसी कुरीति को जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया जाए दहेज ने न जाने कितने घर बर्बाद किए, न जाने कितने लोगों का पैसा कोर्ट कचहरी में चला गया और न जाने कितनी बेटियां जलाकर मार दी गई। 
इन सभी कष्टों से बचाने के लिए संत रामपाल जी महाराज ने दहेज रहित विवाह का जो अभियान पूरे विश्व में चला रखा है उससे निश्चित तौर पर एक दिन दहेज इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।
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