गरीब, राम रसाइन पीजिये, यौह औसरि यौह दाव। फिरि पीछै पछिताइगा, चला चली होइ जाव।।

👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿👇🏿
 सरलार्थ :- हे भक्त! *राम रसायन* यानि शुभ नाम रूपी औषधि का सेवन कर जिससे तेरी आत्मा की कीमत बने।
रसायन :- पूर्व समय में एक साधु ने जड़ी-बूटियों का शोध करके रसायन यानि कैमिकल तैयार किया। उसको लोहे पर डालने से लोहा सोनाबन जाता था। संत गरीबदास जी ने कहा है कि राम नाम वाली रसायन को पी ले ताकि तेरी
आत्मा जो पापों के कारण लोहा हो चुकी है, वह सोना यानि शुद्ध आत्मा बनकर भक्ति धन का संग्रह करके सत्यलोक चली जाए। यह मानव जन्म का अवसर मिला है। यह एक दाँव लगा है। अन्यथा जब शरीर छूट जाएगा और कुल के व्यक्ति कहेंगे कि उठाओ-चलो, शमशान घाट ले चलो।
कहते हैं कि फिर बाद में पश्चाताप् करेगा। न परिवार साथ चलेगा, न धन साथ चलेगा। इसलिए सच्चे नाम रूपी रसायन का सेवन कर यानि सत्य साधना कर।

www.jugatgururamplji.org

Post a Comment

कोई सवाल हैं, बेझिझक होकर पूछें, हम आपकी जरूर सहायता करेंगे |

और नया पुराने