अखाड़ा परिषद् को सन्त रामपाल जी के समर्थकों की खुली चुनौती, आए मैदान में और करे शास्त्रार्थ

           जगत गुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज जी के लाखों अनुयायियों द्वारा नरेन्द्र गिरि अध्यक्ष, अखाडा परिषद् को खुली चुनौती दी है कि जिस प्रकार का रवैया अखाडा परिषद् के द्वारा देखने को मिला है वह देश के भविष्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। सन्त रामपाल जी महाराज जी को फर्जी की श्रेणी में खड़े करने वाले अपनी सत्यता और सन्त होने का प्रमाण दें साथ ही कहा गया है कि समाज को कुरीतियों और शास्त्र विरुद्ध साधना की तरफ धकेलने का प्रयास  इन ढोंगी,फरेबी,मक्कार तथाकथित कहे जाने वाले सन्तों, महंतों व अखाड़ा वालों की तरफ से सदियों से किया गया है।

        समाज के नैतिक और आध्यात्मिक पतन की जिम्मेदारी भी इन्ही पर है जिन्होंने अपने भरण पोषण के लिये सदियों से शास्त्र विरुद्ध साधना तथा मनमाना आचरण किया और कराया है। जिन्होंने कभी भी शास्त्रों में लिखा क्या है ये समाज को दिखाने का भी प्रयास नहीं किया सिर्फ लोकवेद के आधार पर हमारे पूर्वजो को कौआ ही बनाया है। आज सन्त रामपाल जी के अनुयायी शास्त्रों की लिखी बातों को मानते हैं, कोई भी व्यक्ति किसी के दोषी होने का फैसला प्रमाण के आधार पर करे न कि मनमानी।
         मध्यप्रदेश के बैतूल आश्रम के कोऑर्डीनेटर भक्त विष्णु दास जी द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यदि अखाडा परिषद् अपने बयान में से सन्त रामपाल जी का नाम नही हटाते हैं तो खुली चुनौती स्वीकार करे और आएं मैदान में करें शास्त्रार्थ।

            पूरे मध्यप्रदेश की संगत अखाड़ा परिषद और उनके बयान की भर्त्सना करती है। यदि कोई और भी अखाड़ा परिषद के बयान से इत्तेफ़ाक रखते हों तो वे भी उनके साथ सन्त रामपाल जी से शास्त्रार्थ के लिए सामने आएं।

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