फर्ज़ी बाबाओं का प्रमाण पत्र देने वालों को शास्त्रों का कितना ज्ञान है मंच पर आकर साबित करें !

अखाड़ा परिषद् को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने शास्त्रार्थ के लिए खुला निमंत्रण दिया है। फर्ज़ी बाबाओं का प्रमाण पत्र देने वालों को शास्त्रों का कितना ज्ञान है मंच पर आकर साबित करें।
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           अखाड़ा परिषद् बताये क्या पैमाना है किसी संत को फ़र्ज़ी घोषित करने का? और उनको ये हक़ किसने दिया है?
           फर्ज़ी बाबाओं की सूची समाज के लोग तैयार कर रहे हैं जोकि अखाड़ा परिषद् के सदस्यों से ज्यादा समझ रखते हैं। कुम्भ में दक्षिणा पाने के लिए और टेंट लगाने के लिए लालायित ये अखाड़ा परिषद् कमेटी सब मर्यादाओं को भूल चुकी है। देश के 90% से ज्यादा लोगों को तो अखाड़ा परिषद् का इतिहास तक नही पता, अखाड़ा परिषद् के सदस्यों को तो 99% लोग नही जानते, बावजूद इसके इन अखाड़ा परिषद् वालों को फ़र्ज़ी डिग्री देने का उपाय कहाँ से सुझा? ये जांच का विषय है।
            जिन्हें अपने ग्रन्थों का क, ख नही पता, वो सूची तैयार करने बैठ गए। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने कहा ज्ञान चर्चा करें अखाड़ा परिषद्।

           अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् को संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं ने असवैधानिक बताते हुए कहा कि संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से बोखलाकर तथा निरुत्तर होकर आखाडा परिषद ने ये फैसला लिया है. जबकि समाज ये निर्णय कर चूका है कि अखाड़ा परिषद को अगर अपनी योग्यता सिद्ध करनी है तो संत रामपाल जी महाराज से ज्ञान चर्चा करे या  अपने तुगलकी फरमान सुनाने बंद करे !

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