आओ जाने कबीर साहेब मे ऐसे कौन से गुण है जो किसी भगवान मे नही है...

आओ जाने कबीर साहेब मे ऐसे कौन से गुण है जो किसी भगवान मे नही है


1. कबीर का शरीर पांच तत्व तीन गुण का बना नही होता.. क्योकि कबीर कभी मां के गर्भ से जन्म नही लेता.. जब कि राम कृष्ण ईसा नानक मुसा सभी का शरीर पांच तत्व तीन गुण का बना था.. सभी मां के गर्भ से पैदा हुए थे..

2. कबीर कभी नही मरता सह शरीर आता है सह शरीर सतलोक जाता है.. जबकि राम कृष्ण ईसा नानक मुसा सभी मरते है.. क्योकि कबीर अजर अमर होता है इस कबीर को सतपुरूष कहते है. बाकी सभी देव भगवान नाशवान होते है..

कबीर परमेश्वर को सत साहेब इसलिए कहते है क्योकि ये सच को कभी हारने नही देते.. सच के साथ खडा होता है..
3. कबीर कभी सम्भोग (Sex) नही करता, क्योकि कबीर तीनो गुण रजगुण सतगुण तमगुण से परे होता है.. जबकि राम कृष्ण ब्रह्मा विष्णु शिव दुर्गा और दुर्गा के पति काल निरंजन से सम्भोग करते है.. ये सभी देव भगवान तीनो गुण के आधीन होते है..
(नोट - कुछ मुर्ख लोग कबीर की पत्नी लोई बताते है. ये अफवाह अज्ञान है. कबीर परमेश्वर ने भी अपनी वाणी मे इसका खंडन किया है. कबीर- ना मेरा गर्भ बसेरा बालक बन दिखलाया. काशी नगर जल कमल पर डेरा तहा जुलाये ने पाया. माता पिता नही मेरे, ना मेरे घर दासी(,पत्नी).. उनके मुह बोले बच्चे थे कमाल और कमाली जिनको कबीर परमेश्वर ने जीवित किया था..

4. कबीर ज्ञानियो मे महाज्ञानी होते है. जो आध्यत्मिक ज्ञान मे सबको पराजित करते है. कबीर के ज्ञान के सामने ब्रह्मा विष्णु शिव दुर्गा काल सभी नसमस्तक हो जाते है.. 
कबीर परमेश्वर ही काल के अज्ञान का किला तोडते है

5. कबीर सारी सृष्टि के गुरू है इसलिए कबीर को जगत का गुरू जगतगुरू कहा जाता है.. दुनिया मे गुरू बहुत है इसलिए कबीर को सतगुरू कहा जाता है.. सच्चा ज्ञान देने वाला.. सतगुरू
सतगुरू और संत परम्परा कबीर परमेश्वर से चली.. 

6. कबीर इस पृथ्वी पर सच्चा ज्ञान देकर शान्ति स्थापित करने आते है. कबीर पाखंड का अंत करते है.. कबीर का एक सवाल इस पथ्वी के समस्त धर्मगुरू ओ को धुल चटा देता है.
कबीर - कौन ब्रह्मा का पिता है कौन बिष्णु की मां शंकर का दादा कौन है.. हमको दे बता?? 
ब्रहामांड मे कबीर परमेश्वर को आध्यत्मिक ज्ञान मे कोई पराजित नही कर सकता.. 

7. कबीर परमेश्वर चारो युगो मे आते है सतयुग मे सतसुकृत नाम से, त्रेता मे मुनिन्द्र नाम से, द्वापर मे करूणामय नाम से, कलयुग मे अपने वास्तविक कबीर नाम से पृथ्वी पर आते है जबकि राम कृष्ण भगवान तो एक एक युग मे आते है.. 

8. कबीर परमेश्वर आयु बढा देते है, धर्मराज के दरबार से आत्मा को ला सकते है.. जैसे कबीर परमेश्वर ने मृत लडके कमाल को जीवित किया, कबर से निकाल कर कमाली को जीवित किया, मरी गाय को जीवित किया.. सैकडो प्रमाण है लेकिन कृष्ण भगवान तो एक अभिमन्यु का जीवित नही कर पाये

9. कुछ लोग कहते है राम ने रावण, कृष्ण ने कंश मारा कबीर ने किसको मारा??
                 उत्तर - मरने मारने वाला कभी परमात्मा यानी परम आत्मा नही होता.. कबीर सतगुरू रूप मे धरती पर आते है सतगुरू का काम लडना नही होता.. ज्ञान देना होता है. 

         जैसे बाप के सामने चार बेटे आपस मे लड रहे हो तो बाप का फर्ज बनता है चारो को समझाये और लडाई बंद करवाये.. 
         कबीर हम सभी आत्माओ के बाप है इसलिए हमे सभी को समझाते है. कबीर - जहा दया तहा धर्म है, जहा लोभ वहा पापजहा कोध वहा काल है, जहा क्षमा वहा आप..
         कबीर कृष्ण भगवान की तरह नही है जैसे महाभारत मे कृष्ण भगवान बोले- अर्जुन खडा हो जा मार दे सबको मै तेरे साथ हु.. 
        अगर कृष्ण भगवान हम सभी आत्माओ के पिता होते तो क्या हम सभी आत्माओ को आपस मे लडवाते.. एक बाप कह सकता है अपने एक बच्चे को की अपने दुसरे भाईयो को मार दे..

          अबे मुर्खो तुम लोग परमात्मा (परम + आत्मा) की परिभाषा नही जानते.. परमात्मा चीटी तक मारने की सलाह नही देता क्या वो राज पाट के लिए महाभारत करवायेगा.. 

         वो तो काल था जो गीता के अध्याय 11 के 32 मे कह रहा है मै काल हु. तुम मुर्ख काल को परमात्मा यानी एक खलनायक को नायक मान रहे हो. ये ही भुल है तुम लोगो की

         परमात्मा के बारे मे कह रहा है 18 के 62 श्लोक मे कि अर्जुन उस परमेश्वर की शरण मे जा.. जिसकी कृप्या से तु परम शान्ति और सनातन परम धाम यानी सतलोक को प्राप्त होगा.. 

   दुसरी बात अगर भारत पर हमला होता तो सेना लडती है, प्रधानमंत्री कभी बंदुक उठाकर नही जाता.. प्रधानमंत्री तो अपनी सेना को शक्ति भेजता है..
         कबीर परमेश्वर प्रधानमंत्री है. ये राम कृष्ण उसकी सेना है ये ही रावण कंश जैसो को मारते है.. कबीर परमेश्वर तो शक्ति देते है.

       जैसे जब 18 दिन हो गये थे राम से रावण की नाभी मे तीर नही लगा था.. तो राम ने हाथ जोडकर प्रार्थना की - हे परमशक्ति अगर आज मै हार गया तो तेरा नाम कोई नही लेगा.. सच का नामोनिशान मिट जायेगा.. 

        तब राम के सर पर पूर्ण परमात्मा सत साहेब ने अपना हाथ रखा और कहा अब मार तीर - जब राम ने तीर मारा तब रावण की नाभी फटी..

         बोलो बंदिछोड कबीर परमेश्वर सत साहेब की.. जय

       कबीर परमेश्वर को सत साहेब इसलिए कहते है क्योकि ये सच को कभी हारने नही देते.. सच के साथ खडा होता है.. 

इसलिए हम सभी को हाथ जोडकर सत साहेब बोलते है..

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