मुबारक हो RSS का उद्देश्य हुआ पूरा


मुबारक हो RSS का उद्देश्य हुआ पूरा
'भीम आर्मी' के प्रति शक पैदा करके RSS का  उद्देश्य पूरा हो गया है।

'भीम आर्मी' के प्रति उमड़े समाज के उत्साह को RSS ने बड़ी चतुराई से दबा दिया है।🕹

दलित लोगों में अब 'भीम आर्मी' को लेकर शक पैदा हो गया है।
● लोगों को पता नहीं कि वो क्या खोने जा रहे हैं?
●वो खोने जा रहे हैं एक साहस, एक ताकत, एक सैलाब...
● जिसने अत्याचारियों में खौफ भर दिया था।
● शोषण और अत्याचार तो पहले से जो रहा है जैसे खैरलांजी, डांगावास, मिर्चपुर, गोहाना, दुलीना, ऊना, रोहित वेमुला, डेल्टा मेघवाल.....और न जाने कितने मामले हैं जहाँ दलित मारे गए, लेकिन पलटवार कहीं नहीं हुआ।
●सहारनपुर में ऐसा हुआ जैसा किसी ने सोचा न था।
●उसी कड़ी में बैगैर किसी नेता के, बगैर किसी पार्टी के जो 'दिल्ली' में हुजूम इक्कठा हुआ, उससे तो सभी दलित दमदार और गौरवशाली भविष्य के सपने देखने लगे।
● लेकिन इन सब घटनाओं पर RSS की भी नजर थी, वह नहीं चाहती की गुलाम खत्म हों, गुलाम अपनी आजादी के लिए 'वीर' की तरह उठ खड़े हों, वह चाहती है कि दलित सिर्फ शोषित हों, और उनपर कोई अत्याचार हो तो वे रोएं, गिड़गिड़ायें, थाने और कचहरी के चक्कर लगाते रहें, चक्कर काटते-काटते बूढ़े हो जाएं, जब तक उन्हें न्याय मिले तब तक कोई अत्याचार/हत्या हो जाये और फिर से वही चक्कर काटने की प्रकिया शुरू हो जाये।
●यही चलता आ रहा है ,चक्कर काटते रहो, लेकिन कोई प्रतिकार न करना , उल्टा जवाब न देना।
● करारा जवाब देने से दलितों की इज्जत बनती है। लोगों में यह डर बैठता की दलितों पर हमले करोगे, उनकी बहन-बेटियों पर बुरी नजर डालेगें, तो वे लोग भी पलटकर वार करेंगें।
● लेकिन जब ऐसा पिछले कई सालों में नहीं हुआ तो अब RSS वाले क्यों होने देंगे ??

उन्होंने जो साजिशें अपनाई-
(1) BSP और 'भीम आर्मी' को एक दूसरे का सहायक न दिखाकर, एक दूसरे के दुश्मन के तौर पर पेश करना।
(2) चंद्र शेखर की पुरानी फोटो, जिसमें कोई भी हिंदुओं वाली चीज पहने हो, उसे व्हात्सप्प के ग्रुप्स में भेजना। ऐसा ही बहन मायावती के साथ करते हैं, जब उनका कद बढ़ने लगता है तो, उसकी गणेश के साथ फोटो को भेजते हैं। और लोग उन पर भी शक करना शुरू कर देते हैं।
(3) चंद्रशेखर आजाद की किसी व्यक्ति के फोटो, और उस व्यक्ति की किसी भाजपा वाले के साथ फ़ोटो, सभी जगह भेजने लग जाते हैं। ऐसे ही बहन मायावती का मोदी के साथ फ़ोटो, वाजपेयी के साथ फोटो, सोनिया गांधी के साथ फोटो आदि भेज कर इमेज ख़राब करते हैं।
(4) कुल मिलाकर उनका उद्देश्य है कि दलितों में जो भी मजबूती से उभरे उसको सामाजिक रूप से खत्म कर दो।
●इसके लिए वे उस लीडर के बारे में ऐसा मेसज बनाकर खुद भेजते हैं, बातें उसमें दलित समाज को बांटने की होती हैं। लवकिन उसे लिखा इस तरह जायेगा जैसे किसी दलित ने ही लिखा हो। इस ऐसे मेसेज को दलितों के पास भेजा जाता है।
●दलित भाई-बहन भी दुश्मन की इस कुटिल चाल को समझे बिना ही उस मेसज को खूब फॉरवर्ड पर फोरवर्स करते हैं।
(5) नतीजा हमारे नेता की ईमेज ख़राब हो जाती है, उसकी ताकत कमजोर पड़ जाएगी, उसके प्रति शक पैदा हो जाता है। आपका आंदोलन जो बहुत तेज गति से बढ़ रहा था, धीरे-धीरे मृत्यु की तरफ बढ़ जाता है।

●आपका दुश्मन अपने उद्देश्य में कामयाब हो जाता है ।
वे सोचते हैं कि दलित लोग आज भी मंदबुद्धि ही हैं, उनमें आपस में फूट डाल बहुत आसान है।

(6)दुश्मन का उद्देश्य है कि- हमारे किसी भी आंदोलन को इतना मजबूत न होने देना कि जिससे हमारे दुश्मन के मन में खौफ़ पैदा हो, हमारी बहन -बेटी पर नजर डालने से पहले हजार बार सोचे!!
(7) जब नेता में शक पैदा हो जाता है तो उनपर अलग-अलग हमले होते हैं ।
(8) जैसा कि अभी दो लड़कों की वीडियो आयी जिसमें 'भीम आर्मी' और उसके नेता के साथ-साथ पूरे समाज को बुरा-भला कहा गया। और जैसा बहन मायावती के प्रोग्राम के तुरंत बाद हमारे लोगों पर जानलेवा हमला हुआ।

●ऐसी घटनाओं से समाज का मनोबल गिरता है।

(9) ये लोग झूठी वीडियो बना कर अपने समाज का मनोबल बढ़ाते हैं। किसी भी परिस्थिति में एकता बनाये रखते हैं।
हम सिर्फ एक दूरसे की कमियां निकलते रहते हैं, शक करते रहते हैं।

•सोचिये अगर आप या आपके परिवार पर जान लेवा हमला होगा तो...क्या आप क्या करेंगे??
•एक भीड़ आपको मारने दौड़ पड़ेगी तो क्या करेंगे??
•कोई है समाज की ताकत जिसके खौफ़ से आप पर हमला करने वाला हजार बार सोचे??

(10) कुछ लोग ही मिशनरी हैं। जी अपनी जान पर खेलकर समाज का भला करते हैं।
लेकिन आप उन पर ही शक करोगे!!

और जो दलित दूसरी पार्टीयों या संगठनों में हैं, या अन्य समाज के साथ रहते हैं, उनपर आप ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे।
जो दलित आपके लिए कुछ करना चाहेगा उसका आप एक-एक पॉइंट पर टेस्ट लेगें । हद है आपकी।

•फिर एक दिन परेशान होकर मिशनरी भी सोच सकता है कि "मैं तो इतना रिस्क लेकर दलित समाज के लिया काम करता हूँ, लेकिन ये लोग मुझ पर ही विश्वास नहीं करते। इससे बेहतर होता कि मैं दूसरे समाज की पार्टियां, संग़ठन आदि में चला जाता मुझे धन, प्रतिष्टा और सुरक्षा सब मिल जाते। जैसे वहाँ बैठे अन्य दलितों को मिल रहा है।"

🙏🏼हमारी आपसे प्रार्थना है कि मिशनरियों को ऐसा सोचने पर मजबूर न करें। उन पर विश्वास करो।
उनके त्याग की कीमत समझो। उनका साथ दो। बदले में आपको आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा मिलेगी।

■ आज कोई ऐसा संगठन या पार्टी नहीं है जिससे अत्याचारी के मन में खौफ़ पैदा हो। वरना किसी की हिम्मत न होती हमारे समाज की तरफ आँख उठा कर देख पाता ।

•हम शांति, प्रेम और सौहार्द से रहना चाहते हैं, लेकिन हमें रहने नहीं दिया जा रहा। आये दिन हमारे लोगों पर अत्याचार हो रहा है। शोषण की इंतहा बढ़ती जा रही है।

■ तो करना क्या है??
हमें हमारी सामाजिक जडें मजबूत करनी हैं, अर्थात हमें 'भीम आर्मी' को मजबूत करना है।

■ हमें हमारे नेताओं को, समाज को सुरक्षा देनी है। बदले में हमें भी वही मिलेगी।

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