#दिनांक_8_सितंबर। क्या आपको ये तारीख याद है?
चलिए आपको याद दिला देते हैं। आज ही के दिन यानि दिनांक #8_सितंबर_1951 को बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ने इस धरती पर हरियाणा राज्य के सोनीपत जिले के धनाना गांव में जन्म लिया। आज सतगुरु देव जी 66 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं और 67वें वर्ष के प्रवेश कर चुके हैं।
सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ने सत्य ज्ञान का प्रचार किया और लोगों को सत्य ज्ञान के प्रति जागरूक किया। इसी सत्य ज्ञान का प्रचार करने के लिए काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा और वो संघर्ष आज तक भी जारी है। निर्दोष और परोपकारी सन्त होते हुए भी सभी तकलीफों को परमात्मा का आशीर्वाद मानते हुए सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया सिर्फ इसलिए ताकि हम परमात्मा को पहचान सकें और हमारा जीवन सफल हो सके। यही एक परोपकारी सन्त की पहचान है।
परमात्मा के पास किसी भी चीज का अभाव नहीं है और ना ही उन्हें कोई पाबंद या दुखी कर सकता है लेकिन जब हम दुखी होते हैं वो परमात्मा भी हमारे लिए बहुत दुखी होते हैं। क्योंकि वही हमारे सच्चे पिता हैं और पिता कभी भी अपने बच्चों को दुखी होते हुए नहीं देख सकते हैं।
इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि सन्त रामपाल जी महाराज जी की शरण मे आकर अपना कल्याण करवाइये। जिन सन्तों, महंतों, मुल्ला, काजियों, अन्य पंथों के पास फंसे हुए हो, उनके पास यथार्थ भक्ति मार्ग नहीं है। उनके पास जाकर आप अपना जीवन व्यर्थ कर रहे हैं जहां जाने के बाद आपको दुखों के अलावा और कुछ हासिल नहीं होगा।
इस पूरी पृथ्वी पर यदि कोई सन्त हैं तो वो केवल सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ही हैं। बड़े दुख की बात है कि आज हम परमात्मा से ही परमात्मा होने और उनकी समर्थता का प्रमाण मांगते हैं जबकि अभी तक हम अभी तक अज्ञानी धर्मगुरुओं की बात मानते हुए शास्त्र विरुद्ध भक्ति कर रहे थे। लेकिन परमात्मा जानते हैं कि हम किस तरह से उनकी शरण मे आएंगे। सतगुरु रामपाल जी महाराज जी ने कई बार अपनी समर्थता का प्रमाण दिया लेकिन हम सब कुछ जानते हुए भी शेख तकी बने हुए हैं।
अभी भी समय है नींद से जागिये और परमात्मा की शरण ग्रहण कीजिये। यदि मनुष्य जीवन छूट गया तो कुछ नहीं कर पाओगे।
यह संसार समझदा नाहिं, कहन्दा शाम दुपहरे नूं।
गरीबदास ये वक्त जात है, रोवोगे इस पहरे नूं।।
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